B.ed And D.El.Ed New Rule :बीएड और बीएसटीसी को लेकर एनसीटीई ने 4 नए नियम जारी किए

देश के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) ने बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रमों के संबंध में चार नए और कठोर नियम जारी किए हैं जो 2025 से प्रभावी हो गए हैं। यह नियम उन सभी विद्यार्थियों के लिए गेम चेंजर साबित होने वाले हैं जो शिक्षक बनने का सपना देख रहे हैं। अगर आप भी शिक्षा क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो ये नए नियम आपके लिए जानना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इन नियमों की अनदेखी करने पर आपकी मेहनत और समय दोनों बर्बाद हो सकते हैं।

B.ed And D.El.Ed New Rule

एक समय में केवल एक कोर्स की पढ़ाई – अब नहीं कर सकेंगे दोहरी पढ़ाई

एनसीटीई के द्वारा जारी किए गए पहले और सबसे महत्वपूर्ण नियम के अनुसार अब कोई भी छात्र एक साथ बीएड और डीएलएड जैसे दो शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले सकता। यह नियम उन छात्रों के लिए बड़ा झटका है जो समय की बचत करने के लिए दोनों कोर्स एक साथ करने की योजना बना रहे थे। परिषद का स्पष्ट मानना है कि एक साथ दो कोर्स करने से शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आती है और छात्र किसी भी कोर्स में पूर्ण एकाग्रता नहीं दे पाते।

इस नए नियम के तहत यदि कोई छात्र पहले से ही बीएड कर रहा है तो उसे डीएलएड के लिए प्रतीक्षा करनी होगी, और यदि डीएलएड कर रहा है तो बीएड के लिए पहले अपना वर्तमान कोर्स पूरा करना होगा। यह नियम शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने और छात्रों को केवल एक कोर्स पर पूर्ण फोकस करने के लिए लाया गया है।

इंटर्नशिप की अवधि में वृद्धि – अब 6 महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप

शिक्षक बनने वाले छात्रों के लिए सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बीएड और डीएलएड दोनों पाठ्यक्रमों में इंटर्नशिप की अवधि को बढ़ाकर कम से कम 6 महीने कर दिया गया है। पहले यह अवधि काफी कम थी, लेकिन अब छात्रों को पूरे 6 महीने तक वास्तविक स्कूली माहौल में काम करना होगा। इस दौरान उन्हें सिर्फ देखना नहीं होगा बल्कि वास्तविक कक्षाओं में पढ़ाने का प्रैक्टिकल अनुभव भी प्राप्त करना होगा।

यह इंटर्नशिप अवधि छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में वास्तविक चुनौतियों से रूबरू कराएगी और उन्हें प्रैक्टिकल नॉलेज देगी। इस दौरान वे स्कूली बच्चों के साथ इंटरैक्शन, क्लासरूम मैनेजमेंट, पेरेंट्स के साथ कम्युनिकेशन और शिक्षा प्रणाली की बारीकियों को समझ सकेंगे। यह न केवल उनके प्रैक्टिकल नॉलेज को बढ़ाएगा बल्कि उन्हें भविष्य में बेहतर शिक्षक बनने के लिए तैयार करेगा।

ऑनलाइन शिक्षा पर कड़े नियम – अब नहीं हो सकेगी पूरी पढ़ाई ऑनलाइन

एनसीटीई ने ऑनलाइन शिक्षा को लेकर भी सख्त गाइडलाइन्स जारी की हैं। नए नियमों के अनुसार बीएड और डीएलएड जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम अब पूरी तरह से ऑनलाइन नहीं किए जा सकते। जरूरी शिक्षक प्रशिक्षण सेशन्स, प्रैक्टिकल क्लासेज और हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग केवल ऑफलाइन ही संभव होगी। हालांकि, थ्योरेटिकल और सपोर्टिव सब्जेक्ट्स की पढ़ाई सीमित रूप से ऑनलाइन की जा सकती है।

यह नियम कोविड के दौरान शुरू हुए ऑनलाइन एजुकेशन ट्रेंड पर लगाम लगाने के लिए है। एनसीटीई का मानना है कि शिक्षक प्रशिक्षण एक ऐसा क्षेत्र है जहां प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस और फेस-टू-फेस इंटरैक्शन अत्यंत आवश्यक है। इसलिए कोर्स का मुख्य हिस्सा छात्रों को कक्षा में उपस्थित होकर ही करना होगा।

मान्यता प्राप्त संस्थानों की जांच अनिवार्य – गलत संस्थान से डिग्री होगी बेकार

चौथा और सबसे महत्वपूर्ण नियम यह है कि अब छात्रों को किसी भी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी एनसीटीई मान्यता की पूरी जांच करनी होगी। एनसीटीई ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि जो संस्थान परिषद के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं या जिनके पास वैध मान्यता नहीं है, वहां से प्राप्त डिग्री भविष्य में मान्य नहीं होगी।

यह नियम उन फर्जी और अवैध संस्थानों पर लगाम लगाने के लिए है जो बिना उचित इन्फ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी के केवल डिग्री बांटने का काम कर रहे हैं। छात्रों को सलाह दी जाती है कि एडमिशन लेने से पहले एनसीटीई की ऑफिशियल वेबसाइट से संस्थान की मान्यता की स्थिति जरूर चेक करें।

छात्रों के लिए क्या हैं सुझाव और सावधानियां?

इन नए नियमों के मद्देनजर शिक्षक बनने की इच्छा रखने वाले छात्रों को कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले, यदि आप बीएड और डीएलएड दोनों करना चाहते हैं तो पहले एक कोर्स पूरा करें फिर दूसरे के लिए अप्लाई करें। दूसरे, जिस भी संस्थान में एडमिशन लेने की सोच रहे हैं, पहले उसकी एनसीटीई मान्यता की पुष्टि करें। तीसरे, इंटर्नशिप की बढ़ी हुई अवधि के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें क्योंकि यह आपके करियर के लिए बेहद फायदेमंद होगी।

यह बदलाव शिक्षा क्षेत्र को केवल डिग्री हासिल करने का जरिया मानने की प्रवृत्ति को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनसीटीई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वही छात्र शिक्षक बनें जो वास्तव में इस नेक पेशे के लिए प्रतिबद्ध हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की क्षमता रखते हैं।

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